Sunday, September 30, 2007

रोमन लिपि परिषद के सदस्य बनिये



26 जनवरी 1984 को भारतीय भाषाओं को इधर उधर फैली ऊट पंटाग लिपियों से मुक्ति दिलाने के लिये रोमन लिपि परिषद की स्थापना की गई है। इसके मुख्य ध्येय हैं
भारतीय भाषाओं को रोमन लिपि में लिखने के लिये बढ़ावा देना
रोमनीकरण के फायदे की बातों को चतुर्दिक दिशाओं में पहुंचाना

श्री मधुकर एन गोगटे इसके संस्थापक सदस्य हैं और इस परिषद का कार्यालय ताड़देव एयरकंडीशंड मार्केट में है।
अधिक जानकारी आप श्री मधुकर एन गोगोटे को mngogate@vsnl.com पर या mngogate1932@yahoo.com. पर ईमेल करके प्राप्त कर सकते हैं।

Friday, September 21, 2007

मुहब्बत फूल खुशियाँ और दुआएं पोटली भर के

कभी कभी आपको कोई बात बहुत प्यारी लगती है और आप सबको बताने के लिये व्याकुल होने लगते हैं।
आज ब्लागवाणी के जरिये एक बेहद उम्दा मिजाज के हिन्दी गज़लगो श्री नीरज गोस्वामी को पढ़ा। इनके ब्लाग का पता है http://ngoswami.blogspot.com/

इनका इस्तकबाल कीजिये और मुझे भी शुक्रिया दीजिये।

Monday, September 10, 2007

इब्ने इंशा की फ़र्ज़ करो

फ़र्ज़ करो हम अहले वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों
फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूठी हों अफ़साने हों
फ़र्ज़ करो ये जी की बिपता, जी से जोड़ सुनाई हो
फ़र्ज़ करो अभी और हो इतनी, आधी हमने छुपाई हो
फ़र्ज़ करो तुम्हें ख़ुश करने के ढूंढे हमने बहाने हों
फ़र्ज़ करो ये नैन तुम्हारे सचमुच के मयख़ाने हों
फ़र्ज़ करो ये रोग हो झूठा, झूठी पीत हमारी हो
फ़र्ज़ करो इस पीत के रोग में सांस भी हम पर भारी हो
फ़र्ज़ करो ये जोग बिजोग का हमने ढोंग रचाया हो
फ़र्ज़ करो बस यही हक़ीक़त बाक़ी सब कुछ माया हो